Thursday, February 25, 2010

Nirmal Pandey: A decent Actor

निर्मल पांडेय का असामयिक निधन
निर्मल पांडेय के निधन (गुरुवार दिनांक १८ फरवरी २०१०) का समाचार १९ फरवरी को समाचार पत्र ’हिन्दुस्तान’ में पढ़ा तो यकीन नहीं हुआ. ४६ साल की उम्र होती भी क्या है! दिल का दौरा पड़ा और एक निज़ी अस्पताल में उन्हें दाखिल किया गया, लेकिन चिकित्सक लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें बचा नहीं सके. शायद इसी को विधि का विधान कहते हैं.
नैनीताल में जन्मे निर्मल पांडेय में छोटे से किरदार में भी जान डाल देने की कूवत थी. बहुत पहले (लगभग पंद्र्ह साल पहले) एक पिक्चर आई थी- बैंडिट क्वीन. इसमें बुन्देलखंडी ज़ुबान में डायलाग बोलते हुए निर्मल पांडेय को देखा था. डाकू का अभिनय करता वह चेहरा शायद जीवन भर याद रहे़गा. इसी तरह ’गाड मदर’ और ’शिकारी’, ’प्यार किया तो डरना क्या’, ’इस रात की सुबह नहीं’, ’वन टू का फोर’ में निभाए नकारात्मक चरित्र भी भुलाए नहीं जा सकते. फ़िल्मों के अतिरिक्त निर्मल पांडेय ने दूरदर्शन के लिये भी काम किया था.
कहते हैं कि प्रतिभाशाली लोगों की आवश्यक्ता हर ज़गह पर होती है. शायद निर्मल पांडेय की आवश्यक्ता ऊपर वाले को भी रही होगी. इससे अधिक और कहा भी क्या जा सकता है.
ईश्वर निर्मल पांडेय की दिवंगत आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे. केवल यही प्रार्थना की जा सकती है.

1 comment:

  1. निर्मल पांडेय में छोटे से किरदार में भी जान डाल देने की कूवत थी. 'jee haan sahi kahte hain.
    unke asamy nidhan ki khabar par vishwas hi nahin hua tha.
    ishwar unki aatama ko shanti de.

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